17 जुलाई 2025 - 19:24
अरबईन में उभरेगा ज़ायोनी विरोधी रंग, ईरान वर्तमान युग का आशुरा

अरबईन के दिनों में ज़ाएरीन की भारी संख्या को दुनिया के सामने लाने की ज़रूरत की बात करते हुए कहा कि यह आज की दुनिया में यह सबसे दुर्लभ इज्तेमा और जनसैलाब है; इमाम हुसैन (अ.स.) ने रास्ता बना दिया है और हमें अपनी पूरी क्षमता से इसका जवाब देना चाहिए।

ईरान की औकाफ समिति के प्रमुख ने सामरा और बलद में अरबईन समितियों के साथ एक बैठक में अरबईन की सभ्यता-निर्माण और फरहंग साज़ी की भूमिका पर ज़ोर दिया और इसे वर्तमान दुनिया में एक अभिव्यक्ति का एक नमूना माना।  उन्होंने कहा कि इस वर्ष के अरबईन में ज़ायोनी विरोधी रंग व्यापक होना चाहिए साथ ही एकजुटता का प्रतीक भी। 

ईरान के औकाफ एवं धार्मिक मामलों के संगठन के प्रमुख हुज्जतुल इस्लाम वल-मुस्लिमीन मौलाना महदी ख़ामुशी ने सामरा और बलद की कमेटियों की बैठक में अरबईन मार्च के गहरे अर्थ का उल्लेख करते हुए कहा कि अरबईन के कई अर्थ हैं जो हमारे मन में बसे हुए हैं। हमें इस वास्तविकता के और करीब जाने और ज़ियारत को गहराई से समझने की कोशिश करनी चाहिए

उन्होंने अरबईन के दिनों में ज़ाएरीन की भारी संख्या को दुनिया के सामने लाने की ज़रूरत की बात करते हुए कहा कि यह आज की दुनिया में यह सबसे दुर्लभ इज्तेमा और जनसैलाब है; इमाम हुसैन (अ.स.) ने रास्ता बना दिया है और हमें अपनी पूरी क्षमता से इसका जवाब देना चाहिए।

हुज्जतूल-इस्लाम खमोशी ने इराक में ज़ियारत के मार्ग की सुरक्षा का ज़िक्र करते हुए कहा कि कर्बला, काज़िमैन, सामरा और नजफ़ में ईरानियों की मौजूदगी एक अहम् और ग़नीमत का अवसर है और इसका श्रेय हश्दुश-शअबी को जाता है जिन्होंने सुरक्षा व्यवस्था चाक चौबंद रखी। 

दूसरी ओर, इराक के लोगों का सकारात्मक रवैया, अगर इससे उनकी आर्थिक समृद्धि में वृद्धि होती है, तो लोगों के बीच संबंधों को भी मज़बूती मिलेगी।

इस्लामी एकता पर ज़ोर देते हुए उन्होंने कहा कि हम अहले-सुन्नत के भाइयों को भाईचारे का सन्देश देते हैं,  क्योंकि हमारा दुश्मन एक ही है। सामरा और ब्लड में ज़ियारत गाहों की तरक़्क़ी शरफ़ है, भौगोलिक सीमाओं पर अधिक ध्यान दिया जाना चाहिए। समारा में खिदमत कर रहे लोग वास्तव में जिहाद कर रहे हैं और हमें इस जिहाद को और रौनक देनी चाहिए।  

इस वर्ष  क्षेत्रीय परिस्थितियों और राजनीतिक हालात का ज़िक्र करते हुए उन्होंने कहा, "इस साल अरबईन का चेहरा ज़ायोनी और अमेरिका विरोधी है। हमें बलिदान, शहादत, राष्ट्रीय एकता और रहबरे इंक़ेलाब हज़रत आयतुल्लाह खामेनेई के बुद्धिमत्तापूर्ण नेतृत्व का बयान करना चाहिए और यह दिखाना चाहिए कि हमने दुश्मनों, ख़ासकर ज़ायोनी शासन को कैसे घुटनों पर ला दिया।"

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